शनि का कुंभ राशि में संक्रमण (Saturn Transit Report by Date of Birth in Hindi)

मनुष्यके कर्म का कारक ग्रह, शनि इस समय मकर राशि से भ्रमण कर रहा है और 17 जनवरी 2023 तक मकर राशि में रहेगा, जिसके बाद कुंभ राशि में गोचर करेगा । शनि की राशि परिवर्तन का आप पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसका विश्लेषण इस रिपोर्ट में दिया जाएगा। 2023 में शनि के विशेष रूप से बलवान होने से, इस घटना का अधिकतम लाभ उठाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट महत्वपूर्ण होगी।

शनि गोचर 2023 (Saturn Transit 2023 in Hindi)

saturn-transit-predictions
Number of pages:
इस प्रीमियम रिपोर्ट में 12 से अधिक पृष्ठ हैं

Available in languages:

English Tamil Hindi
Average Rating:
Reviews:
शनि 17 जनवरी 2023 तक मकर राशि में रहेगा, जिसके बाद कुंभ राशि में गोचर करेगा (Saturn Transit) और अगले 2.2-2.3 वर्षों तक वहीं रहेगा। कुंभ के स्वामी शनि है। इसलिए समझ लेना चाहिए कि यहां शनि निश्चित रूप से बलवान होगा । संक्षेप में, शनि 2023 में अत्यंत बलशाली होगा। कुंभ राशि में शनि के गोचर का यह विस्तृत रिपोर्ट (Sani Peyarchi Report) इस बारे में जानकारी देती हैं कि यह गोचर आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन को कैसे
ग्रहों का निरयण रेखांश
दशा और अपहार काल
अष्टकवर्ग
आपकी जन्म कुंडली में शनि का विश्लेषण
शनि गोचर फलकथन
शनि के गोचर के उपाय (यदि आवश्यक हो)
trust-badge
Basic Premium Premium plus
Enter chart options & birth details
Chart Options
Style
Language
Name & Gender
Name
Gender
Birth Details
Place
Date
Time
By choosing to continue, you agree to our Terms & Conditions and Privacy Policy.
Enter payment options
Contact
Price of report 2799
Discount 2100
Discounted amount 699
GST(18%) 125
Payable amount 824
Your report will be delivered to your Email ID or WhatsApp within 3 hours..
Know More Your report will be delivered to your Email ID or WhatsApp within 3 hours usually. However, it may take up to 24 hours sometimes. For any report delivery related issues please contact us at support@clickastro.com.
Select payment method:

No credit card or signup required

Fill the form below to get Saturn Transit Predictions

User reviews
Average rating: 4.8 ★
2322 reviews
div singh
★★★★★
27-08-2024
Sahi h
kusum
★★★★★
03-07-2024
Pls send saturn report in Marathi or Hindi Language
subrata
★★★★★
13-04-2024
Pl. Give feedback for day to day or transit forecast as I already obtained full chart from you.
doli rajeshwer
★★★★★
27-03-2023
Very thankful to Anamika mam, for sharing in depth information.
nayana
★★★★★
26-10-2022
My Saturn Transit got me good things. One of them is Clickastro. Their reports and horoscopes enlivened me. They made me see things from a new light. I am happy I got to know Clickastro. My best wishes for the entire team.
raghav
★★★★★
06-10-2022
Clickastro's Saturn transit report is excellent. I am confident and look forward to the challenges now. They have excellent services as well. If you are looking for astrology solutions, Clickastro is the no.1 choice.
rohan
★★★★
30-05-2022
Clickastro's Saturn transit report is excellent. I am confident and look forward to the challenges now. They have excellent services as well. If you are looking for astrology solutions, Clickastro is the no.1 choice.
arup kumar datta
★★★★★
23-11-2021
Ihave vecoma a regular customer if yr org. since May 2020. Thereafter myself ordered for 4 more horoscopes. I feel the analysis and prediction of yr org.is much satisfactory. I also came into contact of Dr Neelima man,Astrologer through Nimisha Unnikrishnan for Gems recommendations and 3 questions of mine. I am very much Thankful to her for absolute correct prediction. I will be in contact with yr organisation in future also.
robin ghose chaudhuri
★★★★★
23-09-2021
I have faith in guruji prediction
george elias
★★★★★
29-04-2020
Accurate results : I have noticed that almost all incidents/periods in my life is correct.
ramaswamy p. iyer
★★★★★
01-04-2020
You are a good Astrological bureau
swetha
★★★★★
13-02-2020
Thankyou for your quick service
darshan kumar br
★★★★★
25-10-2017
Very Nice., and in Brief ,.....Thank You for Your Support...

Read Saturn Transit Predictions Reviews

Testimonials From Renowned Astrologers

Sri. Kanippayyur Narayanan Namboodiripad
Sri. Kanippayyur Narayanan Namboodiripad
Astro-Vision Futuretech is the number one company providing astrological reports, which are very accurate. They are doing a great job by serving the people.
Sri. M V Naranarayanan
Sri. M V Naranarayanan
I have been using Astro-Vision mobile application for the past two years. It is very simple, useful and accurate. So, except Astro-Vision software, I am not using any other applications.
Dr.C.V.B. Subrahmanyam
Dr.C.V.B. Subrahmanyam
In older days, without checking panchangam, people didn't even stepped out of their homes. But in today's world, Astro-Vision has come up with an application which gives you information about Rasi, Navamsham, Bhava etc. which is really appreciative.
Smt. Gayatri Devi Vasudev
Smt. Gayatri Devi Vasudev
The digital avatars of Jyotisha powered by Astro-Vision have spread awareness and are ideal to today's fast paced life.

Video Reviews

left-arrow
Clickastro Hindi Review on Indepth Horoscope Report - Sushma
Clickastro Hindi Review on Full Horoscope Report - Shagufta
Clickastro Review on Detailed Horoscope Report - Shivani
Clickastro Full Horoscope Review in Hindi by Swati
Clickastro In Depth Horoscope Report Customer Review by Rajat
Clickastro Telugu Horoscope Report Review by Sindhu
Clickastro Horoscope Report Review by Aparna
right-arrow

शनि गोचर भविष्यवाणियों की महत्वपूर्ण विशेषताएँ

शनि गोचर अवलोकन (Shani Gochar Summary)

ग्रहों में शनि सबसे अधिक आशंकित करने वाले, क्रूर माने जाते है। शनि ने जिस राशि से भ्रमण पूरा किया हो, उसी राशि में दोबारा आने में लगभग 30 वर्ष का समय लगता है। यह एक राशि में लगभग 2.5 वर्ष व्यतीत करता है। शनि के चारों ओर उसी प्रकार वलय होते हैं, जैसे किसी सम्राट के शीश पर मुकुट। हालांकि,आकारमान से शनि बृहस्पति से छोटा है, किंतु हजार गुना अधिक प्रभावशाली है। शनि न्याय का ग्रह है, यह बाधाओं का ग्रह भी है। यदि बृहस्पति ब्रम्हांड के गुरु है जो हमें ज्ञान प्रदान करते है, तो शनि सख्त परीक्षक हैं जो हमारे ज्ञान की समय समय पर परीक्षा लेते हैं और हमें हमारे कौशल अनुसार फल देते हैं। शनि के पराक्रम के प्रभाव, और भ्रमण के लंबे अंतराल के कारण, किसी विशेष शनि गोचर का प्रभाव जातक पर जीवनपर्यन्त होता है। यदि कोई व्यक्ति इस शनि संक्रमण या शनि के गोचर को संयम से पार कर लेता है, तो वह जीवन की किसी भी कठिनस्थिति को सरलता से पार कर लेगा।

शनि के गोचर का महत्व

शनि का गोचर उतना ही अनन्य महत्वपूर्ण हैं जितना गुरु का गोचर, जो अति विशेष महत्व रखता है। चूँकि शनि किसी राशि में सबसे लंबे समय तक समय व्यतीत करता है, इस कारण ग्रहों में इसके प्रभाव का बहुत विस्तृत और सूक्ष्म रूप से मूल्यांकन किया जाता है। शनि समय-समय पर मनुष्य के दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति की परीक्षा लेता है और उसी के अनुसार न्याय करता है। शनि या तो जिस राशि से बाहर जा रहा है उसे फल देकर जाता है, अथवा जिस राशि में प्रवेश कर रहा हो उस अनुसार फल देता है। शनि आपको कैसे प्रभावित करेगा, यह जानकारी प्राप्त करके आप स्वाहित के लिए इसके प्रत्येक संक्रमण का लाभ उठा सकेंगे। एक बार आपने यह जान लिया तो मानो आपका आगामी जीवन आपके हाथ में है। शनि का यदि आपको साथ मिल गया तो कोई भी ग्रह या योग आपको झुकाने की हिम्मत नहीं करेगा। निस्संदेह ही यह व्यक्तिगत शनि गोचर रिपोर्ट प्राप्त करने से आप लाभान्वित होंगे। जन्मतिथि पर आधारित क्लिकएस्ट्रो शनि गोचर रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध सर्वोत्तम संक्रमण रिपोर्टों में से एक है। आप इसे यहां पर खरीद सकते हैं।

शनि गोचर रिपोर्ट प्राप्त करना क्यों महत्वपूर्ण है?

शनि भ्रमण 2023 या शनि गोचर 2023 का विशेष महत्व है। 17 जनवरी 2023 के बाद कुंभ राशि में गोचर करेगा |यदि शनि अच्छा फल देता है तो वह बहुत भाग्यशाली होता है और यदि शनि आपको अशुभ फल देता है तो बहुत कष्टदायक होता है। यह व्यक्तिगत शनि गोचर रिपोर्ट आपको बताएगी कि कुंभ राशि से शनि का संक्रमण कैसा होगा और यदि आप कोई अशुभ परिणाम देखते हैं तो समाधान भी सुझाएंगे।

इस रिपोर्ट में क्या है: विस्तृत जानकारी

शनि गोचर विस्तृत प्रीमियम रिपोर्ट आप पर शनि के विभिन्न प्रभावों का अनेकों प्रकार से विवरण देती है। ग्रहों के निरयन रेखांश, दशा, अपहार दशा और अष्टकवर्ग फलदेश विश्लेषण के साथ-साथ वर्तमान में आपके जीवन की ज्योतिषीय स्थिति का स्पष्ट मानचित्र भी आप प्राप्त करेंगे। रिपोर्ट में इसके उपरांत शनि के गोचर या भ्रमण के प्रभाव के बारे में जानकारी दी गयी है। अन्य ग्रहों पर शनि के प्रभाव का भी विस्तार से वर्णन किया गया है। कंटक शनि, अष्टम शनि और शनि के विभिन्न चरणों का उल्लेख किए बिना किसी भी शनि रिपोर्ट को पूरा करना असंभव होगा। इस रिपोर्ट में उन सभी उपायों के बारे में भी बताया जाएगा जो शनि के दुष्प्रभाव को कम करने या निरस्त करने में आपकी मदद कर सकते हैं। किसी फलादेश में कोई अशुभ प्रभाव दिखाई देने पर इन उपायों का सुझाव दिया जाता है।

ग्रह का निरयन रेखांश

कुंडली में ग्रहों की स्थिति को विशिष्ट गणनाओं द्वारा भावों में स्थापित किया जाता है। इस पद्धति में, एक आकाशीय वृत्त की धारणा रखी जाती हैं, जिसमें 360 अंश रेखांशों को 12 राशियों में विभाजित किया जाता है, जिनमें से प्रत्येक को 30 अंशों द्वारा दर्शाया जाता है। यह अंश 30 दिनों के महीने का प्रतिनिधित्व करता है, और प्रत्येक अंश उस महीने के एक दिन को दर्शाता है। दूसरे शब्दों में, मान लीजिए कि ऐसी 360 रेखाएँ या रेखांश हैं जो आकाश के केंद्र में शुरू होकर बाहर की ओर प्रसारित हैं, और आकाश और काल से एक अंश से विभाजित है। यह निरयन गणना पद्धति है। ग्रहों का देशांतर किसी विशेष समय पर कुंडली में ग्रहों की स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है। ग्रहों की स्थिति के आधार पर किस राशि में और उस ग्रह के प्रभाव पर विचार किया जा सकता है। निरायन रेखांश की विशेषताओं यह है कि यह केंद्र में स्थिर नहीं है, लेकिन बाहरी तरफ दिखाए गए 27 नक्षत्रों या तारा नक्षत्रों के संबंध में उनकी स्थिति के आधार पर, चार्ट के बाहर की ओर फैली हुई है।

दशा तथा (अपहार) भुक्ति काल विश्लेषण

सामान्य तौर पर, वैदिक ज्योतिषीय परंपरा विंशोत्तरी दशा पद्धति का अनुसरण करती है। इस गणना पद्धति में 120 वर्षो को चक्र के रूप में दर्शाया जाता हैं जिसमे प्रत्येक ग्रह एक विशिष्ट अवधि के लिए 'गतिशील' होता है। आरंभ से अंत तक, इस प्रणाली में ग्रहों की दशा अवधियों को इस प्रकार दिखाया जाता है - केतु (7 वर्ष), शुक्र (20 वर्ष), सूर्य (6 वर्ष), चंद्र (10 वर्ष), मंगल (7 वर्ष), राहु (18 वर्ष), गुरु (16 वर्ष), शनि (19 वर्ष) और बुध (17 वर्ष)। ग्रह दशा का अर्थ है कि आपके जीवन पर उस ग्रह का प्रभाव, साथ ही उस ग्रह की दृष्टि पड़ने से आपके जीवन पर हर दूसरे ग्रह का क्या प्रभाव होगा। ग्रह दशा में आने वाला आगामी ग्रह सर्वश्रेष्ठ ग्रह होता है। इस महादशा के अंतर्गत इस लघु दशा को भुक्ति या अपहार दशा कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष में इन दोनों दशाओं का विशेष महत्व है।

अष्टकवर्ग

अष्टकवर्ग गणना यह निर्धारित करती है कि किसी व्यक्ति के लिए विशेष राशि शुभ है या अशुभ। 12 राशियां हैं और प्रत्येक राशि में गुण और दोष दोनों होते हैं। अष्टकवर्ग से ज्ञात किया जा सकता है कि आपको शुभ फल, अशुभ फल या मध्यम फल प्राप्ति होगी। जैसा कि नाम से पता चलता है, अष्टकवर्ग प्रत्येक राशि का 8 भागों में विभाजन है, इसके बाद 30 अंश की प्रत्येक राशि को 3.75 अंश के आठ वर्गों में विभाजित किया गया है और प्रत्येक वर्ग क्रमशः शनि, गुरु, मंगल, सूर्य, शुक्र, बुध, चंद्र और लग्न के अधिपत्य में होता है। लग्न को अष्टकवर्ग में ग्रह का स्थान दिया जाता है, जबकि छाया ग्रह राहु और केतु को उपेक्षित किया जाता है। इसके बाद प्रत्येक ग्रह को अन्य 7 ग्रहों के सामने रखा जाता है। अन्य ग्रहों के साथ मित्र भाव के लिए '1' अंक दिया जाता है, शत्रु भाव हो तो '0' अंक दिया जाता है। किसी ग्रह को प्राप्त होने वाले अंकों की कुल संख्या 0 और 7 के बीच होगी। यह सभी 8 ग्रहों के लिए किया जाता है। फिर कुल अंकों का मूल्यांकन किया जाता है। यदि कुल 18 से कम है, तो राशि चक्र के सभी अशुभ परिणामों का सामना करने के लिए आप तैयार रहें। 18 और 25 के बीच का योग औसत है, 25-28 को अच्छा माना जाता है और 28 बिंदुओं पर मूल्यांकन निश्चित रूप से सर्वश्रेष्ठ फल देगा।

सर्वाष्टवर्ग सरणी

सर्वाष्टवर्ग गणना का उपयोग अष्टकवर्ग पद्धति द्वारा यह जानने के लिए किया जाता है कि किसी विशेष राशि से भ्रमणशील ग्रह शुभ होगा या अशुभ। उदाहरण के लिए, कुंभ राशि में स्थित शनि को देखें। अष्टकवर्ग में कुंभ को 8 वर्गों में बांटा गया है, जिसमें शनि, गुरु, मंगल, सूर्य, शुक्र, बुध, चंद्र और लग्न प्रत्येक वर्ग पर शासन करते हैं। उपरांत, कुंभ राशि के शनि को बाकि ग्रहों के समक्ष रखा जाता। यदि ग्रह शनि से मित्र भाव हो तो '1' अंक दिया जाता है, यदि शत्रु भाव हो तो '0' अंक दिया जाता है। चूँकि कुल 8 ग्रह हैं, इसलिए आपको 8 में से 8 अंक मिलते हैं। यदि अंक 0-3 के बीच हो तो अशुभ माना जाता है, अर्थात शनि का कुंभ राशि से गोचर जातक पर अशुभ प्रभाव डालता है। 4 अंक होने पर शनि का प्रभाव माध्यम होगा। यदि 5 और 8 अंक के बीच हो, तो कुंभ राशि से शनि का भ्रमण शुभ फल देगा।

सर्वाष्टवर्ग चार्ट

सर्वाष्टवर्ग चार्ट में वही सब होता हैं जो अष्टकवर्ग में होता हैं। यहां पर कुंभ राशि में शनि के मूल्य की तरह ही राशि में स्थित हर ग्रह का मूल्यांकन किया जाता है। इसमें लग्न शामिल नहीं है क्योंकि तकनीकी रूप से लग्न ग्रह नहीं हैं। उस राशि में प्रत्येक ग्रह का कुल मूल्य उस राशि का कुल मूल्य होगा। यह मूल्यांकन तब चार्ट में प्रत्येक राशि के साथ दोहराया जाता है। मान लीजिए किसी राशि का कुल मूल्य 28 है, तो वह राशि आपके लिए माध्यम है, अर्थात उस राशि से भ्रमणशील ग्रह भी मध्यम फल देंगे। यदि राशि का कुल मूल्य 28 से कम है तो ग्रह अशुभ फल देंगे। यदि कुल 28 से अधिक है तो शुभ माना जाएगा। राशियों के समग्र मूल्य का कुल 337 है, अर्थात 337 एकक 'समानता' या '1' मिलते हैं जो चार्ट में 12 राशियों में असमान रूप से बँटे हुए हैं। '0' की भी समान संख्या है। दूसरे शब्दों में, सर्वाष्टकवर्ग चार्ट किसी व्यक्ति के जीवन को द्विआधारी कूट रूप में दर्शाता है।

आपकी कुंडली में शनि का विश्लेषण

आपके पूरे जीवन के ज्योतिषीय विश्लेषण के लिए आपकी जन्म कुंडली में शनि की स्थिति को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। शनि कर्म का सूचक है, यह आपको गत जन्म के कर्मों का स्मरण करवाता है। यह विश्लेषण आपको बताएगा कि आपको इस जीवन में किस प्रकार सद्भाव से नीतिवान होना चाहिए। कुंडली के दसवें और ग्यारहवें भावों पर शनि का अधिपत्य है। दसवें भाव का संबंध योग्यता, पद, और सम्मान से है, जबकि ग्यारहवां भाव आय, धन, समृद्धि और लाभ से संबंधित है। राशि स्वामी होने के कारण, शनि विलंब, बाधाओं, संघर्षों और जिम्मेदारियों का प्रतिनिधित्व करता है। वर्ष 2023 में समय अनुसार शनि कुंभ राशि में रहेगा। कुंभ राशि शनि के अधीन हैं। इसलिए देखा जाए तो प्रभाव अनुकूल होना चाहिए, लेकिन यह हर व्यक्ति के लिए भिन्न होता है। जन्म तिथि अनुसार शनि की गोचर रिपोर्ट से आपको अपने जीवन पर होने वाले शनि के विभिन्न प्रभावों के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी। इसे आप यहां खरीद सकते हैं।

गोचर चार्ट

किसी विशेष अवधि में ग्रहों की स्थिति को दर्शाने वाला आलेख गोचर चार्ट कहलाता है। ग्रह हमेशा गतिमान रहते हैं। कुंडली के 12 राशियों से ग्रह लगातार भ्रमण कर रहे हैं। लेकिन एक दूसरे के संबंध में भी उनकी स्थिति बदलती रहती है। किसी व्यक्ति की कुंडली में कौन सा ग्रह कहां स्थित है इस आधार पर जातक का जीवन प्रभावित होता है। सरल शब्दों में गोचर को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता हैं, यह ब्रह्मांड में दो या अधिक ग्रहों के एक विशेष योग को स्पष्ट करता है जो विश्वभर के लोगों के भाग्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा। गोचर चार्ट जन्म कुंडली से अलग होता है क्योंकि गोचर चार्ट में ग्रहों की स्थिति बदलती रहती है, जबकि कुंडली में यह निश्चित होती है।

गोचर फलादेश

गोचर फलादेश जन्म के समय ग्रहों की स्थिति की तुलना में वर्तमान ग्रह स्थिति का विश्लेषण है। इस आधार पर, राशि चक्र में एक विशेष राशि में स्थित ग्रह किसी एक व्यक्ति के लिए अशुभकारक और दूसरे किसी के लिए लाभकारी हो सकता है। सूर्य, गुरु और शनि के भ्रमण का जीवन पर प्रबल प्रभाव पड़ता है। ग्रहों की स्थिति और उनके स्वाभाव के आधार पर मिलने वाले प्रभाव विरोधी, अशक्त या बलशाली हो सकते हैं। रिपोर्ट में चरम प्रभाव का संकेत नहीं दिया गया है क्योंकि यह किये गए कर्मों और विकल्पों के अनुसार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होगा। ग्रहों का स्वाभाव कितनी अनुकूल या प्रतिकूल होगा और वे आपके जीवन को कैसे प्रभावित कर सकते हैं, इस बारे में अधिक सामान्य निष्कर्ष रिपोर्ट में दिया गया है।

शनि का गोचर

शनि एक प्राकृतिक पाप ग्रह है और शनि का प्रभाव निराशाजनक हो सकता है। हालांकि शनि कुछ स्थितियों में फलदायी और अनुकूल परिणाम भी देता है। शनि को एक राशि को पार करने में 2.5 वर्ष लगते हैं। कभी-कभी ये ग्रह वक्री होकर राशि चक्र में पीछे की ओर चले जाते हैं। शुभ हो या अशुभ शनि के वक्री होने का प्रभाव सामान्य समय की अपेक्षा अधिक तीव्र होता है। 2023 में शनि गोचर तिथियां इस प्रकार हैं: 17 जनवरी 2023 से कुंभ राशि में गोचर करेगा। कुंभ शक्ति, अधिकार और सामाजिक स्थिति का सूचक है। जब शनि इस भाव में भ्रमण करता है तो व्यक्ति महत्वाकांक्षी हो जाता है, जिससे कौशल का सम्मान करने के सकारात्मक परिणाम मिलते हैं, जबकि मार्गदर्शक और गुरुजनों से दंभीक व्यवहार के नकारात्मक परिणाम मिलते हैं। आपको गोचर कैसे प्रभावित करेगा यह जानने के लिए अपनी व्यक्तिगत गोचर रिपोर्ट यहां प्राप्त करें।

शनि की दृष्टि

एक ग्रह का दूसरे ग्रहों पर भावों के द्वारा पड़ने वाला प्रभाव दृष्टी कहलाता है। जब कोई ग्रह या अनेक ग्रह किसी विशेष राशि में दूसरे ग्रह की दृष्टि में होते है, तो उस पर दृष्टि डालने वाले ग्रह का प्रभाव होता है। जिस ग्रह की दृष्टी पड़ रही है उसी अनुसार जातक प्रभावित होते हैं।प्रत्येक ग्रह जन्म कुंडली में अपने अपने स्थान या स्थिति से सातवें भाव को देखता है क्योंकि सातवां भाव विवाह और साझेदारी का प्रतीक है। शनि की दृष्टी सातवें भाव के साथ साथ तीसरे और दसवें भाव पर भी होती है। तीसरा भाव कठोर परिश्रम और मेहनत का कारक है, और ये विषय शनि को प्रिय है। दसवां भाव कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का है। यह भी शनि के दृष्टी में आता है। यही कारण है कि शनि सातवें भाव के अलावा तीसरे और दसवें भाव पर दृष्टि डालता है। जब शनि जन्म राशि से किसी भी भाव को देखता है, तो स्वाभाविक रूप से उन विषयों में कुछ प्रतिबंध लाएगा।

कंटक शनि

जब शनि कुंडली के चतुर्थ, सप्तम या दशम भाव में भ्रमण करता है तो उसे कंटक शनि कहते हैं। यह काल जातकों के लिए प्रतिकूल होता है। व्यक्ति को जीवन के सभी पहलुओं में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यदि कंटक शनि लग्न कुंडली में शनि आता है तो उसकी बुद्धि पर प्रभाव पड़ता है और चंद्र कुंडली में शनि के आने पर व्यक्ति को शारीरिक और भावनात्मक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। चतुर्थ भाव से शनि का भ्रमण व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है क्योंकि यह भाव स्वास्थ्य का सूचक है। जब शनि सप्तम भाव में गोचर करता है तो व्यापार के साथ-साथ व्यक्तिगत जीवन में भी समस्याएं आ सकती हैं क्योंकि यह भाव साझेदारी का सूचक है। दसवें भाव से शनि का गोचर हानि, पदावनति, कामकाज में समस्या और अकारण न किये हुए अपराधों के लिए दंडित होना पड़ता है।

अष्टम शनि

शनि जब जन्म कुंडली में अपने स्थान से आपने आठवें भाव से भ्रमण करता है तब उसे अष्टम शनि कहा जाता है। अष्टम भाव को दुःस्थान या द्रिक स्थान कहा जाता है। शनि अष्टम भाव में हो तो व्यक्ति को कानूनी समस्याओं, दंडात्मक उपायों, दुखों और हानियों का सामना करना पड़ सकता है और उचित कारणों के लिए घर छोड़ना भी पड़ सकता है।

साढ़ेसाती

जब किसी जातक की कुंडली में शनि अपने स्थान से बारहवें, पहले और दूसरे भाव में भ्रमण करता है तो इसे साढ़ेसाती या 7.5 शनि कहा जाता है। इन तीनों भावों से होकर शनि की परिक्रमा में 7.5 वर्ष लगते हैं, इसलिए इस स्थिति को 7.5 शनि भी कहा जाता है। यह जीवन का वह समय माना जाता है जब लोगों में शनि का सर्वाधिक भय होता है। इस समय व्यक्ति किसी भी नकारात्मक ऊर्जा के लिए चुम्बक के समान होता है। यह जीवन में संघर्षों और बाधाओं का समय होता हैं। इन कुल 7.5 वर्षों में से पहले 2.5 वर्ष, जब शनि प्रथम भाव से भ्रमण करता है, सबसे कठिन अवधि मानी जाती है। बारहवें भाव से शनि का गोचर कुछ मध्यम, किंतु संघर्षपूर्ण होता है, लेकिन अंत में शनि का दूसरे भाव में गोचर अपेक्षाकृत सौम्य हो जाता है।

शनि का विभिन्न कक्षाओं से गोचर

इससे पहले, हमने देखा कि कैसे प्रत्येक 30-अंशीय राशि को 3 अंश, 75 मिनट के 8 भागों में विभाजित किया जाता है। राशि चक्र के इन 1/8 भागों में से प्रत्येक को कक्षा कहा जाता है। प्रथम कक्षा में शनि का भ्रमण अनिष्टकारी फल देता है। इसलिए, इस स्थिति में सावधान रहें। शनि को द्वितीय कक्षा से सर्वोत्तम बल प्राप्त होता है, परिणाम शुभ होंगे। तृतीय कक्षा से भ्रमणरत शनि शारीरिक कष्ट देता है। चतुर्थ कक्षा में मिश्रित फलप्राप्त होते हैं। पंचम कक्षा से गोचररत वाला शनि आपको सुख देता है। छठी कक्षा से शनि का भ्रमण संचार में कठिनाइयां पैदा करता है। सप्तम कक्षा में संचातरत शनि भावनात्मक कष्टों का कारक होता है। अष्टम कक्षा से शनि के गोचर का प्रभाव व्यक्ति के लग्न भाव और लग्न स्वामी पर निर्भर करता है।

शनि गोचर के उपाय

गोचर काल के दौरान शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने या उनका सामना करने के लिए शास्त्रों में उपाय बताए गए हैं। इनमें शारीरिक क्रियाएं जैसे व्रत उपवास करना और मानसिक क्रियाएं जैसे जप और प्रार्थना शामिल हैं। शनि के अनिष्टकारी प्रभावों को कम करने के लिए शनिवार का व्रत सबसे प्रचलित और सर्वोत्तम उपाय है। इस दिन हनुमानजी के मंदिर में जाकर दर्शन करने का सुझाव दिया गया है। इस दिन काले कपड़े पहनें, तेल से मालिश करें और बाल/नाखून काटना टालें। हनुमानजी की प्रार्थना न केवल शनि के अशुभ प्रभाव कम करती है, अपितु शरीर और मन भी शुद्ध होता है। यह प्रार्थना दैनिक रूप से या कम से कम शनिवार को सुबह और शाम करनी चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

2023 में कौन सी राशि को साड़ेसाती लगेगी?

बारहवें, पहले और दूसरे भाव में शनि के गोचर को साढ़े साती या 7 1/2 शनि के नाम से जाना जाता है। इसके अनुसार 2023 में मकर, कुंभ और मीन की राशियाँ साढ़े साती का अनुभव कर रही हैं। साढ़े साती 7.5 साल तक चलती है और जीवन में कठिनाइयों और चुनौतियों से जुड़ी होती है।

शनि के गोचर का क्या प्रभाव होगा?

शनि कर्म का ग्रह है। शनि को न्यायकर्ता के रूप में भी देखा जाता है। शनि जातक को संघर्षों और बाधाओं को दूर करने का आत्मबल देता। शनि की कृपा से ही जीवन में धन-संपत्ति, यश और सुख की प्राप्ति होती है। शनि को एक राशि से भ्रमण करने में लगभग 2.5 वर्ष का समय लगता है, और उसके उपरांत उसी राशि में परिक्रमा पूरी करके वापस आने में लगभग 20 वर्ष का समय लगता है। इसलिए अपेक्षाकृत किसी राशि विशेष में भ्रमण करने वाले शनि का प्रभाव लंबे समय तक बना रहता है। मकर और कुंभ शनि के शासन के अधीन हैं। कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें, दसवें और बारहवें भाव से शनि का गोचर जातक के लिए निश्चिंत ही कठिन समय होता है।

शनि इस समय किस राशि में भ्रमण कर रहा है?

12 जुलाई 2022 से शनि मकर राशि में वक्री है। 17 जनवरी 2023 को शनि कुंभ राशि में गोचर करेगा। दोनों राशियों पर शनि का शासन है।

किस भाव से शनि का गोचर शुभ माना जाता है?

शनि अपने कठोर स्वभाव के कारण लोगों की आशंकाओं में रहने वाला ग्रह है। हालांकि शनि का तृतीय, षष्ठं और एकादश भाव से गोचर लाभकारी मानी जाती हैं। तीसरे भाव में शनि आने का अर्थ है, साढ़े साती का अंत और जीवन के अनुकूल समय की वापसी। छठे भाव में स्थित शनि बाधाओं और शत्रुओं को परास्त करने की क्षमता देता है। स्वास्थ्य में सुधार होता हैं। ग्यारहवें भाव में शनि धन धन्य और आर्थिक समृद्धि देता है। इस दौरान संबंध सुधरते हैं और स्तिथि सुखकारक हो जाती हैं।

शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर क्या होगा?

शनि कुम्भ पर भी शासन करता है इसलिए जब अपनी राशि में स्थित होता है तो परिणाम काफी हद तक सकारात्मक होते हैं। शनि कर्म का कारक ग्रह भी है। इससे समानता और लोकतांत्रिक रवैये में विश्वास पैदा होगा। व्यक्ति काफी मिलनसार, लचीले हो जाते हैं और शनि की तरह न्याय के प्रति उनका बहुत लगाव होता है। वे दयालु हैं और दूसरों की सहायता के लिए तैयार हैं। सही और गलत के बीच निर्णय लेने की उनकी भावना उन्हें नेतृत्व करने और दूसरों को भी सही रास्ता दिखाने की तीव्र इच्छा देती है। वे जीवन को वास्तविकता के आधार पर देखते हैं। वे निस्वार्थ होते हैं और दूसरों और खुद की भलाई के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले, वे दोनों पक्षों को सुनना सुनिश्चित करते हैं। वे जिम्मेदार हैं और अपने दोस्तों के प्रति वफादार भी हैं।

क्या 2023 कुंभ राशि के लिए शुभ है?

यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता। शनि कुंभ राशि का स्वामी है। अवसर अवश्य आएंगे, लेकिन इसका लाभ उठाने और शुभ फल प्राप्ति के लिए मन लगाकर कड़ी मेहनत करनी होगी। बाधाएं और निराशाएं आने की संभावना है, लेकिन यदि आप इन प्रतिकूलताओं का संयम से स्वीकार कर पाएंगे हैं, तो भविष्य में आपको इसका शुभ फल निश्चित मिलेगा।

क्या साढ़ेसाती के बाद जीवन सुखकर हो जाता है?

हां, साढ़े साती के बाद जीवन में परिवर्तन अवश्यप्रायी है। तीसरा भाव ऐसे स्थानों में से एक है जहां शनि लाभकारी प्रभाव देता है। साढ़ेसाती तब होती है जब जन्म कुंडली में शनि बारहवें, पहले और दूसरे भाव में गोचर कर रहा होता है। यानी शनि के दूसरे भाव में गोचर समाप्ति के साथ ही साढ़े साती का अंत हो जाता है। तीसरे भाव में प्रवेश के साथ अनुकूल समय शुरू हो जाता है। दुसरे भाव की गोचर की समाप्ति भी एक कारण हैं की तीसरे भाव का शनि शुभ माना जाता है।

व्यक्ति के जीवन में साढ़े साती कितनी बार आती है?

साढ़े साती का चक्र हर 25 साल में दोहराता रहता है। व्यक्ति के जन्म के समय और जीवन काल के आधार पर साढ़े साती व्यक्ति के जीवन में एक, दो या तीन बार आ सकती है। साढ़े साती का मतलब हमेशा अशुभ और विषाद नहीं होता। इसका अर्थ जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन भी हो सकते हैं।

साढ़ेसाती समाप्त होने के बाद क्या होता है?

साढ़ेसाती समाप्त होने के बाद परिस्थिति में दृश्यनीय सुधार होंगे। जब शनि कुंडली के बारहवें, पहले और दूसरे भाव में गोचर कर रहा होता है, तब साढ़ेसाती लगती हैं। इस अवस्था का अंत शनि का दूसरे भाव में अपना गोचर पूरा करके तीसरे भाव में प्रवेश के साथ होता है। तीसरा भाव उन कुछ स्थानों में से एक है जहां शनि सकारात्मक फल देता है। साढ़ेसाती को जीवन के परम परीक्षण की अवधि के रूप में देखा जा सकता है। यदि आप इस परीक्षा को पार कर लेते हैं, तो बाद में जीवन सुख शांति और आनंद से परिपूर्ण होगा। तो वास्तव में, साढ़ेसाती समाप्त होने के बाद क्या होता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने साढ़ेसाती की अवधि संयम के साथ कितने भलीभांति व्यतीत की हैं।
Compare Features
BASIC
NA
PREMIUM
PDF via E-mail/WhatsApp
PREMIUM +
NA
Analysis of Saturn in Birth Chart
NA
NA
Lordships of saturn in your birth chart
NA
NA
Transit predictions
NA
NA
Detailed near term predictions based on Kakshya
NA
NA
Detailed Saturn transit predictions upto next saturn transit
NA
NA
Get complete Remedies
NA
NA
Not Available
Get Basic
75%OFF
Rs.2799
Rs.699
Buy Premium
View Sample
Not Available
Buy Premium+
X
What others are reading
left-arrow
Jupiter Transit in Taurus through All Lagnas
Jupiter Transit in Taurus through All Lagnas
Transit of Jupiter in Taurus through All Lagnas The transit of Jupiter through one's Lagna, or ascendant sign, marks a pivotal moment in astrological forecasting. Jupiter, known as the planet of expansion, luck, and wisdom, carries pro...
Jupiter Transit in Taurus May 1 2024. What can we Expect?
Jupiter Transit in Taurus May 1 2024. What can we Expect?
Jupiter Transit in Taurus in 2024 Jupiter will move into Taurus by 1st May 2024 Jupiter, the planet for expansion and magnification, will be moving into Taurus on May 1st, 2024, and this transit will last only until May 14th, 2025...
Jupiter Transit and its Importance
Jupiter Transit and its Importance
Jupiter Transit and its Importance Have you ever heard of the term gentle giant? We use it to refer to mighty beings who are sensitive and sympathetic towards the plight of lesser beings. Jupiter is the gentle giant among planets in Ve...
Unlocking the Future: Rahu Ketu Transit Predictions 2023
Unlocking the Future: Rahu Ketu Transit Predictions 2023
Rahu and Ketu, components of the entity Swarbhanu, were once Asura kings. During the celestial nectar churning pact between Asuras and Devas, Swarbhanu seized the nectar pot and took a sip. In response, Lord Vishnu divided Swarbhanu int...
मेष राशि में गुरु गोचर - Guru Gochar 2023 Predictions
मेष राशि में गुरु गोचर - Guru Gochar 2023 Predictions
इस वर्ष गुरु का गोचर 22 अप्रैल 2023 को होने वाला है। 2023 मेष राशि में गुरु गोचर 22 अप्रैल, 2023 को गु...
Saturn Transit 2023 - Predictions for 12 Zodiac Signs [UPDATED]
Saturn Transit 2023 - Predictions for 12 Zodiac Signs [UPDATED]
Saturn transit to Aquarius [2023 Predictions] The planet for Karma, delays, and obstacles will be entering Aquarius by 17th January 2023. This Saturn transit 2023 will work along with Jupiter transits in 2023, 2024, and 2025. Satu...
Find the impacts of Sun Transits in Capricorn
Find the impacts of Sun Transits in Capricorn
Sun transits from Sagittarius to Capricorn on January 14, 2022. This is an auspicious time as the Sun is moving to the Uttarayana and it marks a day for any auspicious beginnings. The transit will have different impacts on rasis and bei...
Jupiter Retrograde Transit in Capricorn 2021
Jupiter Retrograde Transit in Capricorn 2021
Jupiter is currently in Aquarius and in retrograde motion. Jupiter will enter the Capricorn sign on early hours of 15th September 2021 and will stay there till 20th November 2021. Capricorn is an earthy sign and is ruled by Saturn. A...
2021 Sun Transit Gemini to Cancer Astrology Predictions
2021 Sun Transit Gemini to Cancer Astrology Predictions
Sun Transit to Cancer from Gemini on 16th July 2021. This Sun transit may affect the lives of all natives. Find now the date, time, and significance of Sun transit in Cancer and the astrology predictions for each zodiac sign. Aries W...
Venus Transit in Cancer 2021 - Find out the Impacts in Your Life
Venus Transit in Cancer 2021 - Find out the Impacts in Your Life
Venus will be moving into the sign of Cancer on June 22. It will be moving into the watery sign of Cancer and that will impact everyone’s family life. Transits are primarily seen through the Moon sign, so the results will be very visi...
right-arrow
View More
Today's offer
Gift box